पत्रिकाओं में प्रकाशित आलेखों की सूची - लाल्टू


पूरी सूची बना पाना मुश्किल है। बिल्कुल पहले की कुछ रचनाओं का ब्यौरा है, बाद की भी रचनाएँ मिल जाएँगी, पर बीच के दशकों की मिलना मुश्किल है। धीरे-धीरे पूरा कर रहा हूँ - कुछ पंजाबी और बांग्ला रचनाएँ भी यहाँ शामिल हैं।


पत्रिका

प्रकाशन काल

शीर्षक

अक्स (पंजाबी में)

अगस्त 1998

ਗੋਇਬਲੀਕਰਣ ਦੇ ਖਿਲਾਫ ਆਵਾਜ਼ ਉਠਾਓ

अकार

अगस्त-नवंबर 2015

साक्षात्कार की दो किताबों की समीक्षा - 1. अदब से मुठभेड़, 2. ...

अप्रैल-जुलाई 2015

पिछली सदियों में भारत में शिक्षा और विज्ञान-शिक्षा पर कुछ बातें

अगस्त-नवंबर '14

नन्दकिशोर आचार्य का साक्षात्कार

अजीत समाचार

02.02.97

तरसेम गुजराल के कहानी संग्रह 'सीढ़ियाँ और शिखर' की समीक्षा

अनहद

2018

उत्थिष्ठ उत्थिष्ठ मूढ़मति उत्थिष्ठ

मार्च 2017

मुक्तिबोध की रचनाओं में वैज्ञानिक सोच

अनुनाद–ई-ज़ीन

14.12.09

मैगज़ीन: कविता की अपनी बौद्धिक दुनिया है

अमर उजाला


19.12.01:

ज़मीनी मुद्दों के बिना चुनाव

16.01.00:

(मैगज़ीन) अशिक्षा के माहौल ने विज्ञान आंदोलन की भी कमर तोड़ी

अंग चम्पा

जनवरी-सितंबर-2016

इश्क पर जासूसी का ठेका

आजकल

फरवरी 2012

भगत सिंह की विरासत का चमकता सितारा (गुरशरण सिंह)

इतवारी पत्रिका

30 मार्च 1997

कुमार विकल:‍ शाश्वत मानदंड की कविता

उत्तरार्द्ध

अगस्त 1989

विज्ञान और सांप्रदायिकता

उद्भावना

2022

आज़ादी के बाद 75 साल : तालीम हाल-बेहाल

2020

बाग़ बाग़ शाहीन बाग़

सितंबर 2019

भाषा की लड़ाई

मई 2019

विष्णु खरे विशेषांक में : अक्खड़पन के बावजूद

मई 2018

झूठ, और झूठ – खतरा और भी है

2018

सर विदिया नायपाल का जाना

मार्च-अगस्त2017

असगर वजाहत को पढ़ते हुए

2016

राष्ट्र, देश आदि और भारत के लोग

मार्च-जून 2015

जसम सभा के लिए व्याख्यान

जुलाई 2012

थोड़ा सा चाँद, थोड़ी सी गप्प (शमशेर बहादुर सिंह पर)

कथा

अक्तूबर 2014

बच्चों के लिए लेखन पर कुछ चिंताएँ

गर्भनाल

अगस्त 2015 से : समकालीन जनमत में मार्च से नवंबर 2012 तक आए विज्ञान लेखों (नीचे देखिए) का पुनर्प्रकाशन

जुलाई 2015

आई आई टी - एम कांड को कैसे देखें

जून 2015

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

मई 2015

हम अपनी मानवीय अस्मिता को पहचानें

छत्तीसगढ़ खबर

27.04.14

मेरे मुहल्ले में मोदी (ब्लॉग लिंक)

जनचौक (वेबज़ीन)

मई 2019

23 मई आ गई, अब आगे क्या?

जनज्वार (वेबज़ीन)

अप्रैल 2019

मुसोलिनी प्रेरित संघ को लोकतंत्र से क्या लेना-देना

जनपथ (वेबज़ीन)

अप्रैल 2012

सांप्रदायिक माहौल में चुनावी हार-जीत का मतलब: संदर्भ पश्चिम बंगाल

जनसत्ता

30.07.15

तीस्ता की लड़ाई

23.07.15

इस बिगड़ते हालात में (ब्लॉग लिंक)

12.06.15

शांति के पक्ष में (ब्लॉग लिंक)

15.03.15

वैज्ञानिक चेतना का अर्थ

01.03.15

भय की जीत या भय पर जीत

16.02.15

भाषाई मानवाधिकार का मसला (मूल - भाषा का मुद्दा आखिर क्या है)

16.01.15

अधकचरी समझ का विज्ञान (मूल - यह जंग है, इस जंग में ताक़त लगाइए)

21.11.14

बुझाए न बुझे (ब्लॉग लिं)

29.10.14

समान शिक्षा के लिए संघर्ष

25.09.14

हिंदी में वैज्ञानिक शब्दावली की समस्या (मूल)

03.06.14

विश्व-नागरिक चेतना की ज़रूरत (ब्लॉग लिंक)

24.05.14

बौद्धिकों के बदलते सुर (ब्लॉग लिंक)

14.05.14

इस चुनाव के सबक (मूल)

27.04.14

फासीवाद उभार का भाषाई पहलू (ब्लॉग लिंक)

10.04.14

हम कैसा भविष्य चाहते हैं (ब्लॉग लिंक)

02.04.14

संकीर्ण राष्ट्रवाद की ज़मीन (ब्लॉग लिंक)

23.01.14

वाम के समक्ष चुनौतियाँ (ब्लॉग लिंक)

07.12.13

अलविदा मांडेला - हम भूलेंगे नहीं 'अमांडला अंवेतू' (ब्लॉग लिंक)

15.01.13

माँ को बच्चों से जुदा करने के खिलाफ (मूल)

16.05.12

विवाद के बीच संवाद

02.04.12

प्रचार का आवरण

02.10.11

प्रतिरोध की मशाल (गुरशरण सिंह)

23.09.09

पंखा चलता तो शहतीर काँपती

29.04.02

जंग के लिए ना

19.04.02

हमारे भीतर का गुजरात

-.10.01

पुस्तक समीक्षा: पैट्रीसिया कीनी की कविताएँ

01.03.93

जन विज्ञान आंदोलन के समाजशास्त्र की ज़रूरत-1

16.03.93

जन विज्ञान आंदोलन के समाजशास्त्र की ज़रूरत-2

20.11.90

संप्रेषण-महाजाल का नया युग

30.10.90

दिल का दर्द

19.02.90

जहाँ भी सुनते हैं शोर ही शोर

16.02.90

नशीले पदार्थों से परेशान क्यों है अमेरिका

05.02.90

रंगभेद के नाश की आखिरी घड़ी

26.01.90

अमेरिकी विध्वंस के विरुद्ध अब कई हाथ उठे

16.01.90

काले शोषितों को उबारा लूथर किंग ने

10.01.90

सीखो दोस्तो सीखो बुनियाद से

04.01.90

विज्ञान नीति खोखले नारों पर आधारित न हो

01.01.90

दादागीरी महँगी पड़ सकती है अमेरिका को

30.11.89

विवाद उपन्यास की शैली या स्तर का नहीं

द वायर

नवंबर 2019

कुलदीप कुमार के कविता संग्रह 'बिन जिया जीवन' की समीक्षा

अप्रैल 2019

अगली सरकार संघी क्यों नहीं

दैनिक भास्कर

24.01.16

रोहित वेमुला

18.10.15

ज़ुबां अब तक तेरी है (मूल: नफ़रत की संस्कृति का विरोध ज़िंदगी की पहचान है)

13.09.15

हम परचम बुलंद रखेंगे

03.05.15

वे हमारे गीत रोकना चाहते हैं

15.2.15

रुश्दी का भाषाई घमंड (मूल – भाषा की लड़ाई)

25.2.15

अदना पर असाधारण इंसान

29.10.05

तेरे दामन से जो आएँ उन हवाओं को सलाम (काश्मीर भूकंप)

12.09.05

शिक्षा क्षेत्र की समस्याओं के प्रति सतही सोच

02.08.05

कोई नहीं चाहता विनाश का तांडव देखना (हिरोशिमा दिवस)

07.06.05

पूछने वालों की सूची में क्यों नहीं आपका नाम!

26.04.05

कानफोड़ू सोर में गुम प्रकृति का संगीत

20.10.03

(खास चिट्ठी) साइंस कॉंग्रेस में मिसाइलें तैनात करने के खिलाफ

18.10.03

इसलिए ग़लत है हड़ताल पर रोक

08.10.03

रुढ़ियों के खिलाफ एक बुलंद आवाज़ (यशपाल)

15.04.03

प्रेम पर पहरा क्यों (यूथ प्लस में)

09.04.03

हम रचते क्यों हैं - क्योंकि हम प्यार करते हैं

16.12.02

यह हमारे समय की राजनीति है (गुजरात चुनाव)

अगस्त '02

हिरोशिमा की सीख

13.05.02

अनेकानेक सिद्धू और एक छोटी सी लड़ाई (भ्रष्टाचार पर)

05.03.02

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस और गोधरा कांड

-.-.02

चंडीगढ़ में खेले गए नाटकों की समीक्षाएँ (विजय तेंदुलकर का 'सखाराम बाइंडर' आदि)

25.04.01

(टिप्पणी) नारी मुक्ति में सवाल पुरुष मुक्ति का भी है

अप्रैल '01

अश्लीलता के सवाल पर

सितंबर 2000

अध्यापकों की समस्याएँ भी समझें

न्यूज़-लॉंड्री-हिन्दी (वेब)

जून 2020

अश्वेत – प्रचलन या नस्लवाद, जंग तो खुद ही एक मसअला है

जुलाई 2020

बेरहमी जो दिखती नहीं

नई दुनिया

27 दिसंबर 1992

मेरी माँ का चेहरा गोर्की से मिलता है (कुमार विकल पर)

नया पथ

2017

सतह से उठते सवाल: ‘सतह से उठता आदमी' का पुनर्पाठ

2015

भीष्म साहनी- मेरे प्रिय कथाकार

अप्रैल-सितंबर 2014

एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो

पंजाब यूनि. कैंपस रिपोर्टर

1996

लाल बुझक्कड़ फिर बोले (केऑस थीओरी)

पंजाबी ट्रिब्यून (पंजाबी)

14.06.98

ਆਸ ਦਿਸ ਨੂੰ ਜਿਉਂਦੀ ਰੱਖ ਕੇ ਅਸੀਂ ਜਿਉਣਾ ਹੈ (ਜੰਗ ਦੇ ਵਿਰੋਧ ')

10.05.98

ਲੋਕ ਪੱਖੀ ਅਖਵਾਉਂਦੀਆਂ ਤਾਕਤਾਂ ਨੂੰ ਇਕੱਠੀਆਂ ਹੋਣ ਦੀ ਲੋੜ

19.04.98

ਕਾਲਜ ਅਤੇ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਦੇ ਮੁਲਾਂਕਣ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ

29.03.98

ਅੱਜ ਦੇ ਹਨੇਰੇ ਵਿਚੋਂ ਹੀ ਉਦੈ ਹੋਵੇਗਾ ਭਵਿੱਖ ਦਾ ਸਵੇਰਾ

पल प्रतिपल

जनवरी-मार्च 1991

पुस्तक समीक्षा: नवीन सागर का कहानी संग्रह 'उसका स्कूल'

पुस्तक समीक्षा: परेश का कहानी संग्रह 'वह जो अतीत है'

जनवरी-जून 1995

पुस्तक समीक्षा: ललित कार्तिकेय का कहानी संग्रह 'तलछट का कोरस'


पुस्तक समीक्षा: विजय बहादुर सिंह, शलभ श्रीराम सिंह और नरेंद्र जैन के कविता संग्रह 'प़थ्वी का प्रेमगीत'

प्रभात खबर

दीवाली विशेषांक 2015

सूचना क्रांति से खेती में क्रांति

प्रयाग पथ

अक्तूबर 2019

राजेंद्र कुमार की कविताओं पर लेख

पश्यंती

1999

राष्ट्रभाषा बनाम राजभाषा

फिलहाल

नवंबर 2015

बिहार के बहाने गुहार

जुलाई 2016

तर्कशीलता, भावनात्मकता और प्रतिरोध

बनास जन

2016-17

मैं हिन्दू हूँ’ (असगर वजाहत) पढ़ते हुए

2015:‍

वाङ्चू - भीष्म साहनी को आज कैसे पढ़ें

2014:

कविताओं के साथ आत्म-कथ्य

बी बी सी डॉट कॉम

(पंजाबी) 2019

कैसे सिद्ध करूँ कि मेरी माँ भारतीय है


2014

साल 2014 के उल्लेखनीय कविता संग्रह

बुकपॉकेट डॉट नेट

जुलाई 2015

হার্ট অফ ডার্কনেস- একটি আলোচনা

युवसत्ता


जनवरी 1998

लाल बुझक्कड़ फिर बोले (केऑस थीओरी)

जनवरी 1998

भारत दशा 1998

अक्तूबर 1997

अणुओं की दुनिया में हस्तक्षेप

नवंबर 1997

लेज़र कथा

दिसंबर 1997

मनस्थिति का विज्ञान

रविवार डॉट कॉम

अक्तूबर 2015

नफ़रत की संस्कृति का विरोध ज़रूरी


नवंबर 2015

बिहार चुनाव को बूझिए


28.12.14

नए साल का प्रण (ब्लॉग लिंक)


09.06.14:

वह सुबह कभी तो आएगी (ब्लॉग लिंक)


07.04.14

हा हा भारत दुर्दशा देखी न जाई! (ब्लॉग लिंक)

राष्ट्रीय सहारा

17 जुलाई 2019

चंद्रयान-II

9 नवंबर 2016

संजीदा होना होगा

सितंबर 2016

उच्च शिक्षा में एक और छलावा

सितंबर 2015

हिंदी में विज्ञान लेखन की समस्याएँ

अगस्त 2015

शिक्षा, सांप्रदायिकता और लोकतंत्र

लोकमत समाचार

27 दिसंबर1992

(लोकरंग): एक-दूसरे तक पहुँचने का पुल है कुमार विकल की कविता

वागर्थ

मई 1997

पुस्तक समीक्षा: प्रताप राव कदम का कविता संग्रह 'एक तीली बची रहेगी'

फरवरी 1997

पुस्तक समीक्षा: मृदुला गर्ग का उपन्यास 'कठगुलाब

पुस्तक समीक्षा: कमल कुमार का कहानी संग्रह 'क्रमशः'

विपाशा

मई जून 2001

कुमार विकल और उनकी कविता

सत्य हिन्दी (वेब)

अगस्त 2020

राष्ट्रीय शिक्षा नीति: बुनियादी बदलाव या नई जुमलेबाज़ी!

सदानीरा

अक्तूबर 2014

वाल्ट ह्विटमैन

संडे ऑब्ज़र्वर

5 मई 1991

एलिसन का सर्वव्यापी अदृश्य व्यक्ति

सबलोग

अक्तूबर 2017

गाँधी और हमारा समय


अप्रैल 2016

राष्ट्र, देश आदि और भारत के लोग


जून 2014

आशंकाएँ

समकालीन जनमत



2021 (वेब पोर्टल)

विज्ञान, टेक्नोलोजी और समाज -1,2,3,4

दिसंबर 2018

प्राथमिक शिक्षा का कॉरपोरेटीकरण

मई 2018

मार्क्सवाद और विज्ञान

मार्च2018

स्टीफेन हॉकिंग - विज्ञान का चमकता सितारा जो कभी नहीं बुझेगा

मार्च2012

लगातार फैलता ब्रह्मांड

अप्रैल2012

लगभग स्फटिक, इसरायली नोबेल विजेता और इस्लामी शिल्प

मई 2012

प्रतिरक्षण विज्ञान : नोबेल पुरस्कार

जून 2012

मशीनी दिमाग का विज्ञान

जुलाई2012:

क्वांटम कंप्यूटिंग – चमत्कार के इंतज़ार में

अगस्त2012:

धार्मिक आस्था के जैविक स्रोतः संज्ञानात्मक खोज

अक्तूबर2012:

अनिश्चितताएँ और विशृंखला

नवंबर 2012:

प्रकृति-प्रेरित ऊर्जा के वैकल्पित स्रोत

15-28 फरवरी 1994

(संपादक को पत्र): यौन-संबंध वाम चिंतन के दायरे से बाहर क्यों?

समयांतर

सितंबर 2017

शैतान के लंबरदारों, सावधान

जुलाई 2016

तर्कशीलता, भावनात्मकता और प्रतिरोध

जुलाई 2016

ब्रिक्सिट से क्या सीखें

मार्च 2016

जनता का विज्ञानी रिचर्ड लेविन्स

जुलाई 2015

गफलत में सुकून का उल्लास (आशीष लाहिड़ी के लेख का अनुवाद)

जून 2014

हमारे अपने मेफिस्टोफिलिस

मार्च 2014

दबंगई, दरिंदगी, राष्ट्रवाद और सभ्यता- कुछ खयाल

जनवरी 2014

स्नूपिंग कथा

मार्च 2013

मार्क्सवाद का औचित्य (मूल)

अगस्त 2012

यह ज़मीं है तुम्हारी, यह ज़मीं है हमारी

संदर्भ

मार्च-अप्रैल 2023

कुदरत के सच और समाज (व्याख्यान)-2

जनवरी-फरवरी 2023

कुदरत के सच और समाज (व्याख्यान)-1


2017 (?)

ज्ञान की ज़मीन और ज़मीनी ज्ञान-2


2017 (?)

ज्ञान की ज़मीन और ज़मीनी ज्ञान-1

साक्षात्कार

मई 1997

पुस्तक समीक्षा: अब्दुल बिस्मिल्लाह का उपन्यास 'मुखड़ा क्या देखे'

साखी

जुलाई 2012

थोड़ा सा चाँद, थोड़ी सी गप्प (शमशेर बहादुर सिंह पर)

साम्य

2012

'अगड़म बगड़म' की भूमिका

स्रोत

फरवरी 2023

चैट-जीपीटी - इंसानी अजूबा या धोखेबाजों के हाथ नया औजार?

अक्तूबर 2023

कृत्रिम-बुद्धि और चेतना

दिसंबर 2022

आर्टीफिसियल इंटेलिजेंस -1, आर्टीफिसियल इंटेलिजेंस -2, आर्टीफिसियल इंटेलिजेंस -3, आर्टीफिसियल इंटेलिजेंस -4

सामयिक वार्ता

अगस्त 2020

स्वाति दी की याद में

मार्च 2018

फासीवाद का भाषाई पहलू

दिसंबर 2016 (2017)

मार्च फॉर साइंस

नवंबर-दिसंबर 2014

समान शिक्षा के लिए संघर्ष

शुक्रवार

अप्रैल 2014

नफ़रत करके क्या मिलेगा (मूल: हमें ही सही-ग़लत तय करना है)

संकलित : संस्मरण

2011

हरदा प्रसंग (ज्ञानेश चौबे संपादित 'हमारी यादें: हमारा हरदा' में)

संकलित : लेख

2022

मुक्तिबोध के लेखन में वैज्ञानिक सोच (सन्तोष चतुर्वेदी संपादित 'मुक्तिबोध : विमर्श और पुन:पाठ)


2019

(राजेंद्र कुमार पर संपादित पुस्तक में)

2016

कुछ कविता-टविता लिख दी तो (प्रेमशंकर संपादित 'रहूँगा भीतर नमी की तरह' में)

2016

नफ़रत की संस्कृति का विरोध ज़िंदगी की पहचान है (मृत्युंजय संपादित 'प्रतिरोध' में)

2015

भारतीय भाषाओं का भविष्य ( आत्मा राम शर्मा संपादित 'आधुनिक समय में हिंदी की चुनौतियाँ' में)